इंग्लैंड के डॉक्टर बिन बैग और प्लास्टिक एप्रन पहन कर रहे इलाज


वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस का तांडव पूरी दुनिया में जारी है। इस घातक वायरस के संक्रमण से विश्व के सबसे विकसित देशों में शुमार ब्रिटेन में अबतक 4937 लोगों की जान जा चुकी है। ब्रिटेन में डॉक्टरों के अलावा कोरोना से संक्रमित मरीजों की देखभाल में जुड़े मेडिकल स्टाफ पास सुरक्षा उपकरणों की भारी कमी है। इनके अभाव में डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ बिन बैग और प्लास्टिक एप्रन से काम चला रहे हैं।


स्टाफ, क्रिटिकल केयर बेड, एंटीबायोटिक्स और वेंटिलेटर की भारी कमी
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, कई डॉक्टरों ने ऑफ द रिकॉर्ड जाकर इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि देश के अधिकतर अस्पताल जरूरी चिकित्सा और सुरक्षा उपकरणों की कमी से जूझ रहे हैं। एक डॉक्टर ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि अस्पतालों के आईसीयू पहले ही कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों से भरे पड़े हैं। अधिकतर अस्पतालों में स्टाफ, क्रिटिकल केयर बेड, एंटीबायोटिक्स और वेंटिलेटर की भारी कमी है।

संक्रमण से बचने के लिए बिन बैग और प्लास्टिक एप्रन का सहारा
डॉक्टर ने दावा किया कि कई अस्पतालों में कोरोना से संक्रमित मरीजों की देखभाल करने वाले डॉक्टर 12 से 13 घंटे की शिफ्ट कर रहे हैं। ये डॉक्टर संक्रमण से बचाव के लिए बिन (अपशिष्ट) बैग की पॉलीथिन से बने प्लास्टिक एप्रन का सहारा ले रहे हैं। वहीं, आंखों को सुरक्षित रखने के लिए ये स्कीइंग वाले चश्में लगा रहे हैं।

बिना सुरक्षा उपकरण संदिग्धों के जांच का दबाव
उन्होंने यह भी कहा कि सब सार्वजनिक रूप से लोगों को परस्पर दो मीटर की दूरी बनाए रखने के लिए कहा जा रहा है तब स्वास्थ्य कर्मचारियों को उचित सुरक्षा उपकरणों के बिना 20 सेंटीमीटर की दूरी से संभावित संक्रमित रोगियों की जांच करने के लिए कहा जा रहा है। उन्होंने बताया कि इससे स्वास्थ्यकर्मियों के अंदर डर बढ़ता जा रहा है। कई अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मचारियों ने खुद के स्तर पर प्रोटेक्टिव सूट जमा करना भी शुरू कर दिया है।

सिर ढकने के लिए प्रोटेक्टिव कैप तक उपलब्ध नहीं
डॉक्टर ने बताया कि गहन उपचार इकाई (आईटीयू) में नर्सों को सिर ढकने के लिए प्रोटेक्टिव कैप तक उपलब्ध नहीं है। उन्हें सामान्य थिएटर कैप दिया जा रहा है जिनमें कई छेद होते हैं। ये कैप कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में बिलकुल उपयोगी नहीं हैं। इसलिए हम अपने सिर पर बिन बैग और प्लास्टिक की एप्रन डाल रहे हैं।

सरकार ने भी स्वीकारी कमी
ब्रिटिश सरकार ने भी स्वीकार किया कि उनकी वितरण समस्याओं में कमी है जिसके कारण अस्पतालों को उचित सुरक्षा उपकरण नहीं मिल पा रहे हैं। हालांकि, एक राष्ट्रीय आपूर्ति टीम ने दावा किया कि सेना द्वारा सहायता प्राप्त कई टीमें अस्पतालों को 24 घंटे उपकरण और दवाईयों को पहुंचाने का काम कर रही है।

एक अप्रैल को वितरित किए गए 10 लाख फेस मास्क
ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने यह भी कहा कि उन्होंने एक अप्रैल को दस लाख फेस मास्क वितरित किए थे, लेकिन इनमें सिर की सुरक्षा और लंबे बाजू वाले गाउन का कोई उल्लेख नहीं है। डॉक्टर ने बताया कि उनके अस्पताल को सरकार के द्वारा अभी तक कुछ नहीं मिला है और उनके पास जो कुछ भी इलाज के लिए बचा है उससे वे चिंतित हैं।

फेस मास्क में एक्सपायरी डेट के तीन-तीन स्टिकर
डॉक्टर ने दावा किया कि इस समय हम जिस फेस मास्क का उपयोग कर रहे हैं उन्हें एक्सपायर होने के बाद फिर से स्टिकर बदलकर सप्लाई किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि उन्हें एक ऐसा मास्क मिला है जिसपर तीन स्टिकर चिपके हुए थे जिसमें से पहले पर एक्सपायरी डेट 2009 दूसरी 2013 और तीसरी 2021 लिखा हुआ था। इस बारे में इंग्लैंड के सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा का कहना है कि सभी व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों को नई एक्सपायरी तारीखों के साथ लेबल करने से पहले कड़े परीक्षणों के बीच से गुजारा गया है। ये उपकरण स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा उपयोग के लिए सुरक्षित हैं। हालांकि डॉक्टर ने कहा कि वह उनके दावों से आश्वस्त नहीं है